Chetan Panchal
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Saturday, January 10, 2009
इतनी मुद्दत बाद मिले हो
इतनी मुद्दत बाद मिले हो
किन सोचों में गुम रहते हो
तेज़ हवा ने मुझ से पूछा
रेत पे क्या लिखते रहते हो
कौन सी बात है तुम में ऐसी
इतने अच्छे क्यों लगते हो
हम से न पूछो हिज्र के क़िस्से
अपनी कहो अब तुम कैसे हो
-------------------------मोह्सिन नक़्वी
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