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Thursday, February 4, 2010

यार को मैं ने मुझे यार ने सोने न दिया

यार को मैं ने मुझे यार ने सोने न दिया
रात भर तालि'-ए-बेदार ने सोने न दिया


एक शब बुलबुल-ए-बेताब के जागे न नसीब
पहलू-ए-गुल में कभी ख़ार ने सोने न दिया


रात भर कीं दिल-ए-बेताब ने बातें मुझ से
मुझ को इस इश्क़ के बीमार ने सोने न दिया

-----------------ख़्वाजा हैदर अली 'आतिश'